हरियाणा के डीजीपी को हाईकोर्ट की फटकार

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चंडीगढ़ : पानीपत पुलिस के हेड कांस्टेबल आशीष कुमार की याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश की पालना न होने पर हाई कोर्ट ने वीरवार को हरियाणा को हरियाणा ने वीरवार को हरियाणा को हरियाणा के डीजीपी को समन किया था।

डीजीपी बीएस संधू हाई कोर्ट में पेश हुए संधू हाई कोर्ट में पेश हुए हाई कोर्ट में पेश हुए हुए।हाईकोर्ट ने डीजीपी को काफी फटकार लगाते लगाते कहा कि कोर्ट के अधिकतर मामले में आपके जांच अधिकारियों को मामले की जानकारी नहीं होती। और वह कोर्ट में आकर खड़े हो जाते हैं इससे तो कोर्ट का समय बर्बाद होता है और ऐसे ही मामलों में देरी होती है। हाईकोर्ट ने डीजीपी से सवाल किया कि जब इस मामले में हाईकोर्ट ने उनको आदेश आदेश दिया था कि वह शिकायतकर्ता की शिकायत पर शिकायत पर की शिकायत पर शिकायत पर की शिकायत पर उचित कार्रवाई करें तो अभी तक इस मामले में उन्होंने कोई कार्रवाई क्यो नही की।

इस पर डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि कि बताया कि उसको कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी और भविष्य में वो ध्यान रखेंगे कोर्ट के आदेश की पालना मैं कोई कोताही न हो। हाई कोर्ट ने डीजीपी का आदेश दिया कि वह अगली सुनवाई से पहले ही शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करें और हाई कोर्ट इस मामले इस मामले का निपटारा कर देगा।

पिछ्ली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने हरियाणा के डीजीपी को हाई कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया था ।इसी के साथ हाई कोर्ट ने डीजीपी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि लगता है डीजीपी को हाई कोर्ट का आदेश की परवाह नहीं है। हाई कोर्ट ने डीजीपी को आदेश दिया था कि वह याचिकाकर्ता आशीष की शिकायत पर उचित निर्णय लें।

लेकिन हाई कोर्ट को बताया कि डीजीपी ने अभी तक याचिकाकर्ता की शिकायत पर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया है इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते अगली सुनवाई पर डीजीपी को हाई कोर्ट में कोर्ट में में पेश होने का आदेश दिया था। पानीपत पुलिस लाइन में तैनात हवलदार आशीष ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की हुई है। इसमें शहरी विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी, ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा सहित कहीं आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मामला है। इसमें डीएसपी राजेश लोहान का नाम भी शामिल है।

आरोप है कि 15 सितंबर को हवलदार आशीष को डीएसपी थाना शहर राजेश लोहान ने पुलिस लाइन से सुबह 11ः 30 बजे अपहरण कर लिया। साथ ही उससे केस को वापस लेने के लिए दबाव डालने लगा। केस वापस न लेने पर डीएसपी ने उसे उसकी नौकरी खराब करने की भी धमकी दी। इसकी शिकायत आशीष ने एसपी पानीपत को दी, साथ ही सीएम विंडो, एडीजीपी करनाल, डीजीपी हरियाणा सहित उच्च अधिकारियों व मंत्रियों को इस मामले की शिकायत दी है।

इसी के चलते हाईकोर्ट ने 18 सितंबर को हवलदार आशीष व उसके परिवार की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की व डीजीपी हरियाणा को एक माह के भीतर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आदेश दिए थे। तीन अक्टूबर को पीडि़त परिजन एसपी ऑफिस पहुंचे, जहां उन्हें पता लगा कि डीएसपी राजेश लोहान ने हवलदार आशीष के खिलाफ विभागीय जांच की एक रिपोर्ट एसपी को भेज दी। पिता का कहना है कि वह विभागीय जांच बिल्कुल बेबुनियाद व झूठी है।

पिता आनंद सिंह ने सीएम विंडो, आईएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार गृह विभाग चंडीगढ़ एसएस प्रसाद, आईजी सीआईडी अनिल कुमार, एडीजीपी करनाल नवदीप विर्क, एसपी पानीपत मनवीर सिंह, उपायुक्त पानीपत सुमेधा कटारिया, चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया न्यू दिल्ली, चीफ जस्टिस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़, नेशनल हुमन राइट कमिशन नई दिल्ली, राजनाथ सिंह गृह मंत्री सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डीएसपी राजेश लोहान को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने व मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए पत्र भी लिखा है।