पीजीआइ के डॉक्टर हड़ताल पर, चेतावनी-मांगें न मानी तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करेंगे

332

चंडीगढ़: पश्चिम बंगाल की घटना के विरोध में डॉक्टरों में रोष बढ़ता जा रहा है। दो दिन के अल्टीमेटम के बाद पीजीआइ के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे इलाज कराने आए हजारों मरीजो को परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई मरीज बिना इलाज की वापस लौट रहे हैं। डॉक्टर सुबह आठ बजे से काम ठप कर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार को उनकी सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है, तो वे भी अपनी लड़ाई ऐसे ही लड़ेंगे।

पीजीआइ रेसिडेंट डाॅक्टर्स एसोशिएशन के प्रेजिडेंट डॉ उत्तम का कहना है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दें। वहीं दूसरी और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड होस्पिटल सेक्टर32 के भी रेजिडेंट डॉक्टरों ने समर्थन करते हुए काम रोक दिया है। आइएमए और आइडीए ने भी घटना की निंदा करते समर्थन दिया है। आइएमए डॉक्टरों ने भी ओपीडी सेवा बंद रखी हैं। सिर्फ इमरजेंसी में मरीज देखे जा रहे हैं।

पीजीआइ में रोजाना आठ से दस हजार मरीजों की ओपीडी होती है जो कि अलग-अलग बीमारियों की होती है।पीजीआइ में इलाज करवाने के लिए दूसरे राज्यों से काफी मरीज पहुंचते हैं। पीजीआइ में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के काफी लोग इलाज के लिए हर राेज पहुंचते हैं। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।