चंडीगढ़ के सेक्टर 33 स्थित VIT-TE-Yojna Bhawan में राष्ट्रीय पक्षी मोर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह घटना 22 तारीख की है, जब मोर भवन के अंदर प्रवेश कर गया था, लेकिन वहां काम करने वाले कर्मचारियों ने इसे बंद कर दिया और चले गए। तीन दिन तक दफ्तर बंद रहने के कारण मोर की मृत्यु हो गई।
बिना सूचना के जंगल में दफनाया गया मोर
मोर की मौत के बाद उसे वन विभाग या पुलिस को सूचना दिए बिना ही एक कर्मचारी ने पास के जंगल में दफना दिया। जब इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मीडिया और पुलिस के उच्च अधिकारियों को मिली, तो क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी।
प्रशासन पर उठ रहे गंभीर सवाल
इस घटना ने प्रशासन और सरकारी दफ्तरों में लापरवाही की पोल खोल दी है। कई अहम सवाल खड़े हो रहे हैं:
अगर मोर गलती से दफ्तर में आ गया था, तो उसे सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास क्यों नहीं किए गए?
क्या कर्मचारियों को यह नहीं पता था कि राष्ट्रीय पक्षी की सुरक्षा को लेकर विशेष नियम होते हैं?
जब मोर की मृत्यु हो गई थी, तो उसे बिना सरकारी प्रक्रिया के जंगल में क्यों दफनाया गया?
क्या मोर की मौत प्राकृतिक थी, या किसी अन्य कारण से उसकी जान गई?
पुलिस और वन विभाग की जांच जारी
इस मामले में अब पुलिस और वन विभाग को जानकारी दे दी गई है। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है कि मोर की मौत किन परिस्थितियों में हुई। वन विभाग भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।
राष्ट्रीय पक्षी मोर की इस रहस्यमयी मौत को लेकर अब प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। देखना होगा कि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और दोषियों पर कोई कानूनी शिकंजा कसा जाता है या नहीं।