चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित 5वां FAP नेशनल अवार्ड्स 2025 हुआ संपन्न, आखिरी दिन 793 स्कूलों, प्रिंसिपलों, शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों को दिए ‘प्राइड ऑफ स्कूल अवार्ड’

छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए उनमें व्यवहारिक समझबूझ ज़रूरी: डॉ. अमरपाल सिंह, चेयरमैन पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड शिक्षकों को छात्रों से बातचीत करनी चाहिए ताकि वे उलझनों के बारे में और जान सकें,और सुनिश्चित करें कि वे स्कूल में खुश रहें: डॉ. अमरपाल सिंह ने कहा। प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को अब भारत के शिक्षा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने के लिए उचित पहचान मिल रही है: सतनाम सिंह संधू, राज्यसभा सांसद एवं चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी चांसलर 5वें FAP नेशनल अवार्ड्स 2025 हुए संपन्न, 793 स्कूलो, प्रिंसिपल, शिक्षको, छात्रों और नॉन-टीचिंग स्टाफ को ‘प्राइड ऑफ स्कूल अवार्ड’ से सम्मानित

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देश में शिक्षा, खेल और संस्कृति के स्तर को ऊँचा उठाने में प्राइवेट स्कूलों के महत्त्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और फेडरेशन ऑफ़ प्राइवेट स्कूल्स एंड एसोसिएशन्स ऑफ़ पंजाब (FAP) द्वारा आयोजित दो दिवसीय 5वां FAP नेशनल अवार्ड्स 2025 आज संपन्न हुए। 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 800 से ज़्यादा स्कूलों के 793 स्कूलों, प्रिंसिपलों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ़ सदस्यों को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी कैंपस में हुए FAP नेशनल अवार्ड्स 2025 के 5वें एडिशन के आखिरी दिन अवार्ड मिले।

पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड (PSEB) के चेयरमैन अमरपाल सिंह, राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर, सतनाम सिंह संधू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पंजाबी सिंगर जसबीर जस्सी और FAP के प्रेसिडेंट डॉ. जगजीत सिंह धुरी शामिल हुए।

दो दिवसीय एफएपी नेशनल अवार्ड्स 2025 के आखिरी दिन, 170 प्रिंसिपल और 265 शिक्षकों के अलावा, ‘प्राइड ऑफ़ स्कूल अवार्ड’ पाने वालों में 32 अकाउंटेंट, 36 क्लर्क, तीन माली, पाँच चपरासी, 20 सपोर्ट स्टाफ, 19 ट्रांसपोर्टेशन स्टाफ और प्राइवेट स्कूलों के 32 नॉन-टीचिंग स्टाफ मेंबर शामिल रहे। इस दो दो दिवसीय अवार्ड सेरेमनी के दौरान 1500 से ज़्यादा स्कूलों, शिक्षकों, प्रिंसिपल, स्टूडेंट्स और स्टाफ सदस्यों को सम्मानित किया गया।

अपने सम्बोधन में, मुख्य अतिथि पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह ने कहा कि एक शिक्षक हर इंसान के दिल और दिमाग को ज्ञान से रोशन करता है।  हमें पता होना चाहिए कि ऐसे अवॉर्ड्स का उद्देश्य किसी इंसान को अपना काम और बेहतर करने के लिए प्रेरित करना है। एक शिक्षाविद के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते  हैं कि छात्रों में ज्ञान की रोशनी हो। हमारा 90% शिक्षा तंत्र किताबी ज्ञान पर केंद्रित है , लेकिन बाकी 10% वो ज्ञान एवं प्रेरणा है जो छात्रों को प्रोत्साहित करती है। इसलिए मैं शिक्षकों से अनुरोध करता हूं कि वे इस 10% पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित करें। अगर आप अपने छात्रों की व्यवहारिक समझबूझ सिखाते हैं, तो वे ज़िंदगी में ज़रूर सफल होंगे, भले ही उनके अंक ज़्यादा न आएं। हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि स्टूडेंट स्कूल में खुश रहे। इसके लिए टीचर्स को स्टूडेंट्स से ज़्यादा बातचीत करनी चाहिए ताकि उनके दिमाग में जो कुछ भी चल रहा है, उसे समझा जा सकें।”

विजेताओं को बधाई देते हुए उनके अहम योगदान की सराहना करते हुए, राज्य सभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, “आज़ादी के बाद, सबसे बड़ी चुनौती देश के शिक्षा ढांचे को दोबारा मज़बूत बनाना था। उस समय, प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों ने सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिला कर अहम योगदान दिया।  लेकिन पाँच वर्ष पहले तक प्राइवेट स्कूलों और शिक्षकों को उचितसम्मान नहीं मिला था क्योंकि यह सम्मान भी मुख्य रूप से सरकारी संस्थानों के शिक्षकों तक सीमित था, जिन्हें राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता था। प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों को सम्मान देने की ज़रूरत को समझते हुए, FAP ने एक बड़ी पहल की है।  मात्र पांच साल के अंदर,FAP अब राज्य स्तर का सम्मान बन चुका है, , जिसमें 18 राज्यों के शिक्षक व छात्र हिस्सा ले रहे हैं जो पहले संभव नहीं था। यह एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को अब भारत के शिक्षा क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सही पहचान मिल रही है।”

अपने भाषण में FAP के प्रेसिडेंट डॉ. जगजीत सिंह धुरी ने कहा, “पिछले पांच सालों में, FAP और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने मिलकर प्राइवेट स्कूलों, प्रिंसिपलों, टीचरों और छात्रों को कुल 11,001 अवॉर्ड देकर एक अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी अकेली ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई है जिसने लगातार पांच सालों तक यह अवॉर्ड सेरेमनी आयोजित की है। इसके साथ ही, हमने एक और अनोखा रिकॉर्ड बनाया है जिसमें इस साल के FAP अवॉर्ड सिर्फ टीचिंग स्टाफ मेंबर्स को ही नहीं, बल्कि उन नॉन-टीचिंग स्टाफ मेंबर्स को भी मिले हैं जो स्कूल के एडमिनिस्ट्रेशन में अहम रोल निभाते हैं। ऐसे स्कूल स्टाफ मेंबर्स को भी इन अवॉर्ड्स के ज़रिए बराबर सम्मान दिया गया है।”

दो दिवसीय अवॉर्ड सेरेमनी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम और बिहार समेत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षकों, छात्रों और स्कूलों को सम्मानित किया। ये अवॉर्ड चार कैटेगरी में दिए गए, जिनमें द बेस्ट स्कूल अवॉर्ड, लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, प्राइड ऑफ स्कूल अवॉर्ड और द बेस्ट स्टूडेंट अवॉर्ड (प्राइड ऑफ इंडिया) शामिल हैं, जिनका उद्देश्य शिक्षा,खेल, संस्कृति और सामाजिक योगदान जैसे क्षेत्रों में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करना था।”