हरियाणा सरकार ने लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग(ईडब्लूएस) के लिए निर्धारित प्लाटों या फ्लैटों के आवंटन के लिए तैयार की नीति

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नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि लाइसेंसधारक इस नीति के तहत निर्धारित पात्र आवेदकों को आवंटित करने के लिए आवासीय प्लॉटिड कॉलोनियों में आवासीय प्लाट की कुल संख्या का 20 प्रतिशत आरक्षित करेगा।
उन्होंने बताया कि ईडब्ल्यूएस प्लाट का आकार 50 वर्ग मीटर से 125 वर्ग मीटर के भीतर या अन्यथा विशेष रूप से निदेशक द्वारा लेआउट योजना में अनुमोदित आकार के अनुसार होगा। लाइसेंसधारक समय-समय पर सरकार द्वारा तय की गई दर, जो इस समय 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, पर ज़ोनिंग योजना की मंजूरी के छ: महीने के भीतर सभी ईडब्ल्यूएस श्रेणी के प्लाटों को आवास बोर्ड हरियाणा को हस्तांतरित करेेगा। ।लाइसेंसधारक ज़ोनिंग योजना या पर्यावरण मंजूरी, जो भी बाद में हो, के अनुमोदन से एक वर्ष के भीतर ईडब्ल्यूएस प्लाटों के लिए निर्धारित क्षेत्र में कम से कम सडक़, जल आपूर्ति, सीवरेज और बिजली के विकास कार्यों को पूरा करेगा। आवास बोर्ड हरियाणा हस्तांतरित भूखंडों पर इकाइयों का निर्माण करेगा और इन इकाइयों को आवेदन आमंत्रित करने और पात्र लाभार्थियों के चयन के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए बीपीएल आवेदकों या ईडब्ल्यूएस आवेदकों को लेआउट योजना या ज़ोनिंग योजना के प्रावधानों के अनुसार आवंटित करेगा। इस नीति के प्रयोजन के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएई) के दिशानिर्देशों के तहत दी गई ईडब्ल्यूएस की परिभाषा को अपनाया जाएगा जो कि तीन लाख रुपये से कम पारिवारिक आय या समय-समय पर पीएमएवाई के दिशानिर्देशों के तहत संशोधन अनुसार होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि पहले दिए गए लाइसेंसों के मामले में लाइसेंसधारक लाइसेंस का नवीनीकरण करवाने से पहले ईडब्ल्यूएस इकाइयों को आवास बोर्ड में हस्तांतरित करेगा। आवास बोर्ड विनिर्देशों के अनुसार निर्माण करने के बाद ईडब्लयूएस इकाइयों को पात्र लाभार्थियों को आवंटित करेगा और इसमें बीपीएल आवेदकों को पहली वरीयता दी जाएगी। आवास बोर्ड ‘पात्र लाभार्थियों के लिए किराया आवास योजना’ के लिए भी इन इकाइयों को निर्धारित कर सकता है। ऐसे प्लाटों के आवंटियों को कब्जा मिलने के बाद पांच वर्ष की अवधि के भीतर प्लाटों को किसी अन्य व्यक्ति को आगे हस्तांतरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आवास बोर्ड द्वारा आवंटन पत्र में यह शर्त रखी जाएगी। इस शर्त के उल्लंघन पर खरीदार द्वारा आवंटित इकाई के लिए भुगतान किए जाने वाले बिक्री मूल्य के 100 प्रतिशत बराबर जुर्माना किया जाएगा। अपरिवर्तनीय वसीयतनामे के साथ सगे-संबंधी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के पक्ष में अपरिवर्तनीय मुख्तारनामे का निष्पादन करना और अपरिवर्तनीय मुख्तारनामे के निष्पादक या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति को पारित विचार को इस उद्देश्य के लिए संपत्ति की बिक्री के रूप में माना जाएगा। यह जुर्माना ऐसे प्लाट के दुरुपयोग को रोकने के लिए है और प्लाट के आवंटन के रद्दीकरण के लिए भी उत्तरदायी होगा।
उन्होंने बताया कि जब तक आधार कार्ड अनिवार्य नहीं किए जाते हैं, तब तक प्रतिरूपण से बचने के लिए आवास बोर्ड आवंटी के बीपीएल कार्ड पर बोर्ड की रबर स्टैंप लगाएगा और उसके बाद आवेदन पत्र में बीपीएल उम्मीदवारों के आधार कार्ड की संख्या लिखना अनिवार्य होगा। आवंटियों के एक एकीकृत डेटाबेस को बनाए रखने के लिए सभी सफल बीपीएल एवं ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों की सूची विभाग को भेजी जाएगी ताकि एक ही लाभानुभोगी को दोबारा आबंटन न हो। केवल सफल आवंटियों के मामले में ही बीपीएल के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस सत्यापन भी किया जाएगा।
इस नीति के तहत निर्धारित पात्र आवेदकों को आवंटित करने के लिए लाइसेंसधारक ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी में आवासीय फ्लैटों की कुल संख्या का 15 प्रतिशत आरक्षित करेगा। ग्रुप हाउसिंग कॉलोनियों में ईडब्ल्यूएस फ्लैट का न्यूनतम आकार 200 वर्ग फुट होगा और ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के आवंटन के लिए अधिकतम मूल्य सरकार द्वारा समय-समय पर तय किया जाएगा, जो वर्तमान में 1,50,000 रुपये प्रति फ्लैट यानी 750 रुपये प्रति वर्ग फुट है।
उन्होंने बताया कि पूरी योजना ईडब्ल्यूएस फ्लैटों के कब्जा या अंश-कब्जा प्रमाण पत्र जारी करने से छ: महीने के भीतर जारी की जाएगी। आवास बोर्ड केवल कॉलोनाइजर और महानिदेशक, नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग की ओर से पात्र लाभार्थियों की पहचान के उद्देश्य से मध्यस्थ के रूप में कार्य करेगा। जहां तक रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण अधिनियम के तहत अनुपालन का संबंध है किसी भी तरह से, आवास बोर्ड की संलिप्ता परियोजना के लिए डेवलपर नामित किए जाने के रूप में नहीं होगी।
हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास एवं विनियमन अधिनियम,1975 के साथ-साथ अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम 1983 के संबंध में सभी अनुपालन करना लाइसेंसधारक की जिम्मेदारी बनी रहेंगी। आवंटन के लिए लाभार्थियों की पहचान करते समय आवास बोर्ड पहले राज्य के बीपीएल परिवारों को और उसके बाद ईडब्ल्यूएस आवेदकों को प्राथमिकता प्रदान करेगा। ऐसे मामलों में जहां ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का विज्ञापन पहले से ही किया जा चुका है, लाइसेंसधारक इस नीति के जारी होने से तीन महीने के भीतर ड्रा निकालेगा।
उन्होंने बताया कि आवास बोर्ड प्रत्येक आवेदन के साथ पंजीकरण या अग्रिम राशि के रूप में 10,000 रुपये चार्ज करेगा। आवास बोर्ड ड्रा के बाद प्रत्येक सफल आवंटी के ऐसे पंजीकरण शुल्क को अपने पास रखेगा। आवास बोर्ड द्वारा पहचाने गए लाभार्थियों से कॉलोनाइजऱ द्वारा 1.4 लाख रुपये की शेष राशि सीधे वसूल की जाएगी। आवास बोर्ड द्वारा ड्रा की तिथि से दो महीने के भीतर असफल उम्मीदवारों को पंजीकरण या अग्रिम राशि (ब्याज या मुआवजे के बिना) लौटाई जाएगी। प्रतीक्षा सूची में शामिल आवेदकों की अग्रिम राशि आवास बोर्ड के पास उस समय तक रहेगी जब तक कि सफल आवेदकों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। इसके बाद, एक महीने की अवधि के भीतर अग्रिम राशि वापिस की जाएगी। हालांकि, आवंटन की प्रक्रिया के दौरान भी प्रतीक्षा सूची में शामिल कोई भी आवेदक यदि अग्रिम राशि की वापसी के लिए अनुरोध करता है तो आवास बोर्ड कोई भी कटौती किए बिना अनुरोध प्राप्त होने से एक महीने की अवधि के भीतर इसे वापस कर देगा। यदि एक सफल उम्मीदवार अपना फ्लैट लेने से इंकार करता है तो कॉलोनाइजऱ द्वारा पूरी राशि बिना किसी कटौती के वापस की जाएगी। हालांकि, आवास बोर्ड द्वारा वसूल की गई 10,000 रुपये की पंजीकरण राशि लौटाई नहीं जाएगी।
आवास बोर्ड द्वारा भारतीय स्टेट बैंक में बचत बैंक खाते पर समय-समय पर लागू सामान्य ब्याज के साथ असफल उम्मीदवार को अग्रिम राशि लौटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि आवेदन जमा करने की तिथि से छ: महीने की अवधि के लिए अग्रिम राशि के साथ कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।