भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में गुणात्मक शिक्षा दिए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने देश में उच्च शिक्षा के हजारों संस्थान होने के बावजूद छात्रों के विदेशों में शिक्षा ग्रहण करने पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं, इसलिए वे ज्ञान हासिल कर आगे बढ़ें।
मुखर्जी शनिवार को यहां एक निजी स्कूल के रजत जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने के लिए पहुंचे थे। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। समारोह के दौरान अपने संबोधन में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल में भारत विश्व का प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में जाना जाता था। विश्वभर से लोग आकर यहां आकर शिक्षा ग्रहण करते थे।
उन्होंने नालंदा व तक्षशिला का उदाहरण दिया, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, हजारों कॉलेज व यूनिवर्सिटी होने के बावजूद छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका, यूरोप और आस्टेलिया जा रहे हैं। ऐसे में देश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की जरूरत है। तकनीकी के साथ शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव जरूरी है। खासकर गुणात्मक शिक्षा व्यवस्था पर जोर दिया जाना चाहिए।