पंजाब व् हरियाणा कौंसिल के अनुशासन समिति के चेयरमैन रणधीर सिंह बदरान ने कहा की बार कौंसिल हरियाणा ,पंजाब व् चंडीगढ़ के चुनावों में 1 नवंबर को चंडीगढ़ में वोटिंग और हरियाणा व् पंजाब में 2 नवम्बर को वोटिंग होनी है। इन चुनावों में पंजाब हरियाणा व् चंडीगढ़ से 25 मेबर चुने जायेगे। वोटिंग की प्रतिशत ज्यादा रहेगी। क्योकि 22 हजार नए वकील आये है जिनको चुनावो को लेकर ज्यादा उत्साह है। और 80 प्रतिशत तक वोटिंग जाएगी।
युवा वकीलों के भविष्य के लिए क्या एजेंडा है किस प्रकार की ट्रेनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए बारे रणधीर सिंह बदरान ने कहा कि मेरा मानना है कि 5 या 3 साल में जो लॉ करके आते है उन्हें प्रक्टिस नही दी जाती है ड्राफ्टिंग और पुलिटिंग का पाठ अधूरा रह जाता है। अगर 5 साल का कोई कोर्स है तो उसमें 2 साल की ट्रेनिंग होनी चाहिए। और ड्राफ्टिंग और पुलिटिंग का काम वकीलों को आना चाहिए। कोर्स के बाद सीनियर जूनियर वकील के पास 3 या 4 साल काम करना पड़ता है जो पहले नही सीखा वो सीखना पड़ता है यह समय की बर्बादी है नए वकीलों के लिए वकीलों की ट्रेनिंग के लिए एक अकेडमी बने जो पंजाब हरियाण व चंड़ीगढ़ में अलग अलग बने इसके लिए सरकार को एक पत्र भी भेजा है ताकि वकील को ट्रेनिग दी जाए जिससे उसे कोर्ट में केस में कोई दिक्कत ना आये साथ मे ट्रेनिग के दौरान वकील को पांच से सात हजार आर्थिक मदद भी दी जाये।
रणधीर सिंह बदरान ने कहा की जिस तरह के आजकल माहौल है देश मे तो एडवोकेट को भी सुरक्षा की जरूरत है ज्यूडिशियल जज की सुरक्षा है इस तरह की सुरक्षा होनी बहुत जरूरी है। मध्य प्रदेश सरकार ने एडवोकेट की सुरक्षा के लिए काम किया है जो सहरानीय कदम है हरियाणा और पंजाब सरकार को भी उनकी प्रोटेक्शन के लिए एक्ट बनाने की जरूरत है।
रणधीर सिंह बदरान ने कहा की युवा एडवोकेट को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं पिछले 5 सालों में 22 हजार नए एडवोकेट शामिल हुए है लेकिन उनके भविष्य की काफी चिंता है वकील के प्रोफेशन में कामयाब होने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। ट्रेनिग के लिए काफी समय लगाना पड़ता है इसके समय की बचत के लिए सरकार को आर्थिक मदद देनी चाहिए। साथ ही जिला कोर्ट में बतौर लो ट्रेनिंग रखा जाए। हाईकोर्ट में जनरल डिप्टी एडवोकेट है उनके साथ लगाया जाए ताकि वो नए एडवोकेट कुछ सिख सखे। जो लॉ कालेज में नही सिखाया जाता। ताकि अपने क्लाइंट्स के लिए अच्छे से काम कर सके।
रणधीर सिंह बदरान ने कहा की एडवोकेट वेलफेयर फंड एक्ट की मुख्य मांग थी उस पर काम किया 2001 में सेन्टर एक्ट बना 2013 तक सेंटर एक्ट लागू नही हो पाया था। मेने हरियाणा सरकार को बार बार मांग करके हमने जो रूल बनाये उनको लागू कराने का काम किया हरियाणा सरकार में 2014 में एडवोकेट रूल फंड केबिनेट में मंजूर हुए ।
रणधीर सिंह बदरान ने कहा की इतने लंबे संगर्ष के बाद 2014 में हमने एडवोकेट रूल एंड फण्ड को लागू करा पाये। इस नियम के तहत एडवोकेट को पेंशन भी दी जा सकती है अगर इस और कदम उठाए जैसे केरल की सरकार ने किया तमिलनाडु सरकार ने किया उनके अनुवल बजट में प्रावधान है कि पेंशन के लिए । हमने हरियाणा व् पंजाब सरकार से मांग की है की सरकार 50 करोड़ का बजट प्रोविजन में करे।जो वकीलों की भलाई के लिए जो इस्तेमाल हो सके। वही डेथ में वकीलों को पैसा दिया जाता है वो कम से कम 10 लाख हम दे सके। इसी तरह मेडिकल क्लेम में डेढ़ लाख की राशि है वो कम से कम 10 या 15 लाख की हो। ताकि किसी भी स्तिथि में आर्थिक तंगी का सामना वकीलों को न करना पड़े। अगर सरकार बजट में प्रोविजन रखेगी तो वेलफेयर पॉलसी है उनको लागू किया जा सकेगा।










































