चंडीगढ़ में सेक्टर 25 स्थित शमशान घाट में 16 अगस्त की दोपहर बलराम दास टंडन को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मौजूद रहे। शिरोमणि अकाली दल सुप्रीमो सुखबीर बादल पहुंचे। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी पहुंचे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, गवर्नर आचार्य देवव्रत, बीजेपी हिमाचल अध्यक्ष सतपाल सत्ती वीरवार सुबह दर्शनों के लिए आए।
गर्वनर वीपी सिंह बदनौर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। इनके अलावा बिक्रम सिंह मजीठिया, सांसद किरण खेर, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस महेश ग्रोवर, पीजीआई के डायरेक्टर जगतराम, पवन बंसल, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, मनोरंजन कालिया ने भी श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा बीजेपी के कई नेता व काफी संख्या में शहरवासी, नाते रिश्तेदार उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे।
देश भर से राजनीति के कई दिग्गज और नामी हस्तियां उनके अंतिम दर्शनार्थ पहुंचीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायड़ू, राष्ट्रीय संगठन मंत्री राम लाल, सुधांशु जी महाराज, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने फोन करके निधन पर शोक जताया।
पंजाब में उपमुख्यमंत्री रह चुके बलरामजी दास टंडन का मंगलवार दिनांक 14 अगस्त 2018 की दोपहर को बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। सीने में बैचेनी की शिकायत के बाद उन्हें रायपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के चलते चंडीगढ़ में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे। पंजाब और हरियाणा सरकार ने शोक स्वरूप राजभवन में होने वाले एट होम प्रोग्राम को भी रद कर दिया था। बलराम दास टंडन का पार्थिव शरीर 14 अगस्त की रात को ही चंडीगढ़ सेक्टर 18 में कोठी नंबर 1636 में पहुंच गया था। पार्टी ऑफिस कमलम में 15 अगस्त की सुबह उनका पार्थिव शरीर संगत दर्शन के लिए रखा गया था।
टंडन 1951 में जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे। 1953 में पहली बार अमृतसर नगर निगम के पार्षद बने। फिर अमृतसर विधानसभा क्षेत्र से 1957, 1962, 1967, 1969 एवं 1977 में विधायक चुने गए। 1975 से 1977 तक आपातकाल के दौरान वे जेल में भी रहे। 1951 से 1957 तक पंजाब जनसंघ के सचिव और 1995-97 से पंजाब भाजपा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। बलराम दास टंडन 1969-70 के दौरान अकाली दल-जन संघ मंत्रालय में पंजाब के उपमुख्यमंत्री थे। 1979 से 1980 के दौरान वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।
















































