आम आदमी पार्टी (AAP), चंडीगढ़ ने नगर निगम द्वारा संपत्ति कर दरों में की गई अनुचित बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है। हाल ही में नगर निगम आयुक्त को सौंपे गए औपचारिक पत्र में आप ने इस अवैध कर वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की है, जिसे पार्टी ने कानूनी उल्लंघन और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अवहेलना करार दिया है।
आप चंडीगढ़ ने जोर देकर कहा है कि यह कर वृद्धि पहले ही नगर निगम सदन के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अस्वीकार की जा चुकी थी, फिर भी प्रशासन ने मनमाने तरीके से इसे लागू कर दिया। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 की धारा 90 की उपधारा (3), जिसे पंजाब नगर निगम कानून (चंडीगढ़ पर विस्तार) अधिनियम, 1994 के तहत केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में लागू किया गया था, के अनुसार किसी भी कर संशोधन को सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर आधिकारिक रूप से लागू किया जाना आवश्यक है। अधिसूचना के बिना इस वृद्धि को अवैध और शून्य माना जाना चाहिए।
“यह गैरकानूनी कर वृद्धि चंडीगढ़ के नागरिकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रही है, जिनमें से कई पहले से ही महंगाई और आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक, वेतनभोगी कर्मचारी और छोटे व्यवसायी सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। यह फैसला न केवल कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के लोकतांत्रिक जनादेश की भी अवहेलना करता है,” कहा विजय पाल सिंह, अध्यक्ष, AAP चंडीगढ़ ने।
AAP ने इस कदम को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करार दिया और कहा कि नगर निगम सदन के फैसले को नजरअंदाज करना पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन के खिलाफ है। पार्टी ने प्रशासन से बढ़ी हुई कर दरों को तत्काल वापस लेने और भविष्य में कर नीति तय करने से पहले सभी हितधारकों के साथ पारदर्शी व परामर्श प्रक्रिया अपनाने की मांग की है।