इनेलो में अजय चौटाला के बैठक में बुलाने पर घमासान, दाेनों भाइयों के समर्थकों में टकराव

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राजनीतिक बदलाव की गवाह रही जींद की धरती पर होने वाली इनेलो की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को लेकर अजय और अभय गुट आमने-सामने हो गए हैं। इनेलो के प्रधान महासचिव डाॅ. अजय सिंह चौटाला द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाने पर इनेलो में घमासान मच गया है। अजय ने 17 नवंबर को यह बैठक बुला रखी है। अभय चौटाला का खेमा अजय चौटला के बैठक बुलाने के अधिकार को ही खारिज कर रहा है। इस बैठक को उनके शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला गुट ने इस बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए सिरे से खारिज कर रखा है।

अभय चौटाला गुट के सख्त तेवरों के बाद अजय चौटाला गुट अचानक सक्रिय हो गया है। इनेलो के राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅ. केसी बांगड़ ने अजय चौटाला द्वारा बुलाई गई बैठक पर सवाल उठाने वालों पर ही सवाल खड़े कर दिए। अभय चौटाला के विश्वासपात्रों में शामिल इनेलो के प्रांतीय प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने एक के बाद एक कई दलीलें देते हुए अजय चौटाला द्वारा बुलाई गई बैठक को गैरवाजिब करार दिया था।

राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. केसी बांगड़ के हमलावर होने के बाद प्रांतीय प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने जमकर पलटवार किया है। डाॅ. बांगड़ इनेलो के प्रधान महासचिव डाॅ. अजय सिंह चौटाला के विश्वासपात्रों में शामिल हैैं और उनकी सभाओं में दिखाई दे रहे हैैं। प्रवीण आत्रेय विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के विश्वासपात्रों में शुमार हैैं और अक्सर उनके साथ नजर आते हैैं।

अभय चौटाला के इशारे पर आत्रेय ने कहा था कि पार्टी के संविधान में सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष या प्रदेश अध्यक्ष अथवा उनके द्वारा नामित व्यक्ति को ही बैठक बुलाने का अधिकार है। आत्रेय के इस बयान के बाद डाॅ. केसी बांगड़ ने कहा कि आत्रेय को पार्टी संविधान की जानकारी नहीं है। बांगड़ ने आत्रेय के इनेलो का प्राथमिक सदस्य होने पर ही सवाल उठा दिया।

‘ प्रवीण आत्रेय को ज्ञान नहीं है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बुला सकते हैैं। प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश के प्रधान महासचिव बुला सकते हैैं। वह इन बातों को नकार रहे हैैं तो उनको पूरी जानकारी नहीं है। ऐसे गलत बयान देकर जो लोग अजय सिंह चौटाला की संवैधानिक शक्तियों को चैलेंज कर रहे हैैं, उन लोगों को हमारी पार्टी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही वे लोग हमारी पार्टी के प्राथमिक सदस्य हैैं। ऐसे लोगों को पहले अपने गिरेहबान में झांकना चाहिए, तभी अजय सिंह चौटाला की शक्तियों को चैलेंज करने का दुस्साहस करना चाहिए।

‘ सिर्फ कोरी बयानबाजी से काम नहीं चलता। जो भी बात की जाए, वह तथ्यों के आधार पर की जानी चाहिए। इनेलो के संविधान के आर्टिकल नौ की धारा चार और पांच में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुला सकते हैैं। यदि वे खुद बैठक न बुलाएं तो उनके द्वारा नामित व्यक्ति बैठक बुला सकते हैैं। मैैं खुद हैरान हूं कि कार्यकर्ताओं को पार्टी संविधान के बारे में गुमराह क्यों किया जा रहा है। रही मेरा पार्टी का प्राथमिक सदस्य भी नहीं होने की बात तो मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला और प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने प्रांतीय प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी दी है। मैैं पार्टी कार्यकर्ता हूंगा, तभी तो मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई होगी। इससे अधिक मुझे पार्टी का कार्यकर्ता होने के लिए कुछ स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है।