कबीर की मजार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टोपी पहनने से किया इंकार, गरमाई सियासत

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उत्तर प्रदेश के संत कबीरनगर के मगहर में बुधवार को संत कबीर की मजार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चादर चढ़ाने के लिए पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर उन्हें मजार के संरक्षक ने टोपी पहनाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया। इस घटना पर सियासत शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुरुवार को संत कबीर की मजार जाएंगे। यहां वह एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले मुख्यमंत्री योगी तैयारियों का जायजा लेने के लिए मगहर पहुंचे थे। इसी दौरान वह संत कबीर की मजार पर गए। यहां पहुंचने पर जब उन्हें टोपी पहनने के लिए दी गई तो उन्होंने इसे पहनने से साफ इंकार कर दिया। इसके बाद जब विनती की गई कि कम से कम हाथ में ही पकड़ लीजिए तो योगी ने टोपी को पकड़ लिया। इसी बात की वजह से योगी विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं।

टोपी ना पहनने की वजह से सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने योगी पर हमला किया। पार्टी के नेता सुनील साजन का कहना है कि योगी को सभी टोपियां एक जैसी लगती हैं। योगी पाखंड में फंसे हुए हैं। ऐसे लोगों को कबीरधाम नहीं जाना चाहिए। इसके बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि किसी को जबरदस्ती टोपी नहीं पहनानी चाहिए। पहले मोदी ने और अब योगी ने टोपी पहनने से मना किया है।

प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि टोपी पहनने से कोई छोटा या बड़ा नहीं हो जाता है लेकिन यह केवल सम्मान की बात होती है। विरोधियों को योगी के मंत्री मोहसिन रजा ने जवाब देते हुए कहा कि मैं खुद मुसलमान हूं लेकिन टोपी नहीं पहनता हूं। जो लोग बार-बार ऐसे मौकों पर टोपी पहनाने की कोशिश करते हैं उन्हें अपनी सोच बदलनी चाहिए।

योगी द्वारा टोपी नहीं पहनने पर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि इस तरह टोपी नहीं पहनानी चाहिए। लोगों को अपने धर्म का सम्मान करते हुए दूसरों के धर्म का भी आदर करना चाहिए। संत कबीर ने अपनी पूरी जिंदगी काशी में बिताई लेकिन आखिरी सांसे मगहर में लीं क्योंकि कहा जाता है कि काशी में मरने वाला सीधे स्वर्ग और मगहर में मरने वाला नर्क में जाता है। कबीर इन्हीं अंधविश्वासों से ताउम्र लड़ते रहे।