हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि औद्योगिक केन्द्र साहा में ढांचागत विकास के लिए 134 करोड़ रुपए की परियोजना तैयार की गई है। इस केन्द्र के विकास के दूसरे चरण में इस राशि से ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और इसके टैंडर जल्द किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि हरियाणा में स्थित सभी निगम, बोर्ड और विश्वविद्यालयों को सर्कुलेशन जारी किया गया है कि वे सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के उद्योगों से सम्बन्धित हरियाणा सरकार की 2016 की योजना का अनुसरण करें। साहा में टूल रूम की शीघ्र स्थापना के लिए भी केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है।
गोयल आज उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा अम्बाला छावनी में आयोजित समाधान दिवस समारोह में उपस्थित उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर विधायक असीम गोयल, व्यापार कल्याण बोर्ड हरियाणा के चेयरमैन गोपाल शरण गर्ग तथा उद्योग एवं वाणिज्य विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने विभिन्न औद्योगिक संगठनों की समस्याएं सुनी और उनका समाधान किया गया।
गोयल ने कहा कि हरियाणा इलेक्ट्रीसिटी पावर कारपोरेशन द्वारा बिजली लोड बढ़वाने के लिए रीएप्लीकेशन बटन सुविधा में सिंगल सीएएफ पिन सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। औद्योगिक क्षेत्रों तक प्रात: और सांयकाल के दौरान हरियाणा राज्य परिवहन के माध्यम से विशेष बस सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके अलावा साहा उद्योग केन्द्र में फायर स्टेशन की स्थापना के लिए स्थान चिन्हित कर दिया गया है और इसकी स्थापना के लिए दो करोड़ रुपए की परियोजना तैयार की गई है। इसी प्रकार इस उद्योग केन्द्र में कार्य करने वाले मजदूरों को मोबाईल डिस्पैंसरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस क्षेत्र में सुरक्षा सम्बन्धी मानदंडो को सुदृढ़ बनाने के लिए पुलिस विभाग को पट्रोलिंग और अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री द्वारा पहले से स्थापित सोसायटियों के पंजीकरण के ऑनलाईन आवेदन की तिथि 28 मार्च 2019 तक बढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं।
उन्होंने उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने प्रदेश में उद्योग फ्रैंडली वातावरण तैयार किया है। आज हरियाणा निवेश के लिए उद्यमियों की पहली पसंद बन चुका है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रदेश मे 25 औद्योगिक कलस्टर स्थापित करने का काम किया जा रहा है, जिसमें तीन कलस्टर मिक्सी, वैज्ञानिक व सामान्य कलस्टर अम्बाला में स्थापित किए जाएगें तथा इन कलस्टरों के निर्माण लिए सरकार द्वारा दो-दो करोड़ रूपए की राशि भी दी जाएगी। भारत में पहली स्किल डवैल्पमेंट यूर्निवसिटी पलवल स्थित दुधोला में बनाई जा रही है जिस पर 900 करोड़ रूपए की राशि खर्च करके उसे 18 महीने में तैयार किया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्यमी विकास की धुरी हैं क्योंकि उद्योगों में निवेश से जहां प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होते हैं वहीं सरकार के राजस्व का मुख्य स्त्रोत भी औद्योगिक क्षेत्र ही है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों के प्रतिनिधियों ने वातानुकूलित कमरों में बैठकर नीतियां तैयार की थी और पहली बार सरकार ने उद्योगपतियों के सुझावों के आधार पर उद्योग और निवेश नीति आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए सीएलयू के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी विभागों की एनओसी एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाई जाती है। यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि सभी शर्तें पूरी करके ऑनलाईन अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले उद्यमी को 45 दिन में यह अनुमति नही मिलती तो वह स्वंय स्वीकृत मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में औसतन 30-35 दिन में एनओसी जारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि उद्यमियों के सुझाव आमंत्रित करने और उनकी समस्याओं का बेहतर समाधान करने के लिए जिला स्तर पर समाधान दिवस आयोजित किए जा रहे हैं और अब तक 6 जिलों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर बताया कि उद्यमियों को उद्योग लगाने की औपचारिकताएं पूरी करने की ऑनलाईन सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि इनवैस्ट हरियाणा वैबसाईट के माध्यम से अब तक 13870 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनके माध्यम से 243 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसके अलावा बिल्डिंग प्लान की प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ उद्यमियों की सुविधा के लिए एक ही एनुएल रिटर्न दाखिल करने तथा लाइसेंस नवीनीकरण की अवधि को बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया है।